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What is protocol in hindi and types of protocol

 Protocol- इन्टरनेट पर इनफार्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह पर बहुत कम एरर के साथ एक्सचेंज करने के लिए जो Set of Rules बनाये गए हैं प्रोटोकॉल कहलाते हैं यह प्रोटोकॉल Machine to Machine  इन्टरफेस की लो लेवेल डिटेल प्रोवाइडर करती है प्रोटोकॉल कई प्रकार के होते हैं TCP ( Transmission Control Protocol)- TCP इन्टरनेट पर डाटा ट्रांसमेट करने के लिए यूज़ की जाती है  यह किसी फाइल या मैसेज को एक जगह से दूसरी जगह एक्सचेंज करने में हेल्प प्रोवाइडर करती है इसमें डाटा छोटे छोटे पैकेट में डिवाइड हो जाते हैं और Receiving  Station पर पहुँचकर TCP उन्हें फिर से रिअसेम्बल करता है हर पैकेट के ऊपर एक हेडर होता है! जिसमें Source address , Destination address , packet length तथा पैकेट नम्बरिंग होती है इन्ही पैकेट नम्बरिंग के According massage को Regenerate किया जाता है TCP Connection Oriented Protocol है! यदि कोई पैकेट नेटवर्क पर Loss हो जाता है तो TCP उसे फिर से रिजेनरेट करने की Request करता है! IP ( Internet Protocol )-   यह एक एडवांस प्रोटोकॉल है जो TCO के साथ कार्य करता है IP ...

WHAT IS TOPOLOGY IN HINDI AND TYPES OF TOPOLOGY

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  What is topology- कम्प्यूटर तथा नेटवर्किंग डिवाइस को फिजिकल तथा लाजिकल Sequnce में सेट करना Topology कहलाता है! topology कई प्रकार की होती है! Bus Topology Ring Topology Star Topology Mesh Topology Hybrid Topology Tree Topology 1.Bus Topology- बस टोपोलॉजी में नेटवर्क से जुड़े सभी Nodes एक सिंगल केबल से बस के रूप में जुड़े होते हैं इस सिंगल केबल को Backbone भी कहा जाता है Backbone के दोनों end पर टर्मिनेटर लगा होता है! यह टोपोलॉजी LAN ( Local Area Network ) का एक Arrangement होता है जिसमें हर नोड डाटा और लिंक से कनेक्टेड होता है जिसे बस कहते हैं इस टोपोलॉजी में एक बार में एक ही डाटा ट्रांसमेट किया जा सकता है! Advantage of Bus topology- 1.बस टोपोलॉजी Simple., Reliable, Easy to use  और Small size के LAN के लिए यूज़ की जाती है! 2.इसमें अन्य टोपोलॉजी की तुलना में केबल कम यूज़ करना पड़ता है! 3.इसका Installation Process easy होता है! Disadvantage of bus topology-  बस टोपोलॉजी नेटवर्क ट्रैफिक के कारणकारण Slow डाटा Transmate करता है! Ring Topology-   Ring topology...

Networking Devices in hindi Types Of Networking Devices नेटवर्किंग डिवाइस क्या है और कितने प्रकार की होती है

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What is networking devices- कम्प्यूटर सिस्टम में कई प्रकार की डिवाइसेस होती हैं! जिनमें से कुछ नेटवर्क को यूज़ करते हैं जैसे Node और कुछ नेटवर्क को बनाने के लिए यूज़ की जाती है ं जैसे - Modem, Router, Bridge, Repeater, Hub, Switch etc.  Modem-  Modem एक नेटवर्किंग डिवाइस है Modem शब्द Modulator और Demodulator से मिलकर बना है Digital signal को Analog signal में बदलना Modulator कहलाता है Analog signal को Digital signal में convert करना Demodulator कहलाता है ! Modem का यूज इंटरनेट एक्सेस करने के लिए किया जाता है Modem द्वारा डाटा ट्रांसमिशन करने की स्पीड डायनमिक होती है Transfer या ट्रांसफर रेट को Bite Per Second में मापा जाता है Modem चार प्रकार के होते हैं! Wireless Modem PC care modem Internal modem External modem 2.Router राउटर एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो वायर या वायरलेस कनेक्शन के माध्यम से कई कम्प्यूटर नेटवर्क को कनेक्ट करते हैं राउटर डिवाइस में एक साफ्टवेयर होता है जो किसी Specific transmission के लिए available पाथ में से बेस्ट पाथ describe करता है Router OSI Model...

What is software System Software और Application Software के बारे में बताइये सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में क्या डिफरेंट है ?

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What is Software - कंप्यूटर सिस्टम का वह पार्ट जिसे टच नहीं किया जा सकता केवल फील किया जा सकता है सॉफ्टवेयर कहलाता है  कंप्यूटर सॉफ्टवेयर दो तरह के होते है ! Types Of Software- 1. System Software- सिस्टम सॉफ्टवेयर  ऐसे सॉफ्टवेयर होते है जो कंप्यूटर सिस्टम की सभी इंटरर्नल व एक्सटर्नल एक्टिविटी को मैनेज करता है सॉफ्टवेयर यूजर और कंप्यूटर के बीच इंटरफ़ेस प्रोवाइड करता है ! सिस्टम सॉफ्टवेयर कई तरह के होते है ! Operating System Software - ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर सिस्टम को स्टार्ट करने के बाद लोड किया जाता है यह कंप्यूटर सिस्टम का मैं पार्ट  होता है जो भी  सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन कंप्यूटर सिस्टम में इनस्टॉल किया जाते है सभी ऑपरेटिंग सिस्टम से जुड़ते जाते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम ही कंप्यूटर को यूजेबल बनता है !ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर जैसे - Windows ,Linux ,Unix आदि ! Language Translator - लैंग्वेज ट्रांसलेटर ऐसे सिस्टम सॉफ्टवेयर होते है जो प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में लिखे हुए प्रोग्राम को मशीन लेवल कोड में परिवर्तित करता है लैंग्वेज ट्रांसलेटर कई तरह के होते ह...

Input and output devices and types of input and output devices in hindi

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 INPUT DEVICE - कंप्यूटर सिस्टम में इनपुट करने के लिए जिस भी फिजिकल डिवाइस का यूज किया जाता है इनपुट डिवाइस कहलाती है ! जैसे - कीबोर्ड , माउस, ट्रैकबॉल,स्कैनर , माइक्रोफोन , लाइट पेन , जोस्टिक , बायोमैट्रिक  डिवाइस , MICR, OCR ,BCR  आदि !  KEYBOARD- ( KEYS ELECTRONIC YET BOARD OPERATING A TO Z RESPONSE DIRECTLY )- कीबोर्ड एक इनपुट डिवाइस है जिसका यूज कंप्यूटर सिस्टम में टेक्स्ट ,नंबर आदि को इनपुट करने के लिए यूज किया जाता है ! कीबोर्ड का अविष्कार CHRISTOPHER LATHEM SHOLES ने किया था ! कीबोर्ड में कई तरह की कीज  होती है! ALPHABATE KEYS (A TO Z ) NUMERIC KEYS  (0 TO 9 ) FUNCTIONAL KEYS (F1 TO F12) SPECIAL KEYS ( TAB,SHIFT,ENTER,BACKSPACE,CAPS LOCK, ESC,SYMBOL KEYS ETC) NAVIGATION KEYS(ARROW KEYS, HOME , END, PAGE UP, PAGE DOWN, DELETE, INSERT ETC) MOUSE - माउस एक इनपुट डिवाइस है जिसे पॉइंटिंग डिवाइस के नाम से भी जाना जाता है ! माउस का उसे किसी भी आइटम को सेलेक्ट करने, ओपन करने तथा क्लोज करने के लिए किया जाता है ! माउस का अविष्कार DOUGLAS C. ENGELBART ने...

What is Memory , Primary Memory और Secondary Memory के बारे में बताइये, Ram और Rom में क्या अंतर है

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  मेमोरी-                कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के डाटा या इनफार्मेशन को स्टोर करने के लिए जिस भी फिजिकल डिवाइस का यूज किया जाता है मेमोरी कहलाती है ! कंप्यूटर मेमोरी दो तारह की होती है ! १. प्राइमरी मेमोरी  २. फिजिकल मेमोरी  १. प्राइमरी मेमोरी -                                    प्राइमरी मेमोरी कंप्यूटर की मैं मेमोरी होती है जो सी पी यू द्वारा डायरेक्टली एक्सेस की जाती है  प्राइमरी मेमोरी दो तरह की होती है ! RAM (RANDOM ACCESS MEMORY)  ROM (READ ONLY MEMORY ) RAM (RANDOM ACCESS MEMORY) -                                                                                  ...

MS WORD में मेल मर्ज क्या है स्टेप बाई स्टेप समझाइये Mail merge in hindi

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  MAIL MERGE - मेल मर्ज का यूज किसी भी लेटर को एक या एक से अधिक रेसिपिएंट को सेंड करने के लिए किया जाता है ! मेल मर्ज की प्रक्रिया कई स्टेप में पूरी होती है ! STEP 1- इस स्टेप में हमें किस प्रकार का डॉक्यूमेंट सेंड करना है उसे चुनते है जैसे - LETTER  E -MAIL MASSAGES  ENVELOPES  LABELS  DIRECTORIES   यहाँ पर हम LETTER ऑप्शन को सेलेक्ट करते है  तथा NEXT STARTING डॉक्यूमेंट ऑप्शन पर क्लिक करते हैं ! STEP 2 - इस स्टेप में आपको ये सेलेक्ट करना है की आप अपने लेटर को कैसे सेट करना चाहते है ! USE THE CURRENT DOCUMENT  START FROM A TEMPLATE  START FROM EXICTING DOCUMENT   यहाँ पर हम USE THE CURRENT DOCUMENT ऑप्शन को सेलेक्ट करते हैं तथा NEXT SELECT RECIPIENT ऑप्शन पर क्लिक करते हैं ! STEP 3- यहाँ पर मेल या एड्रेस के लिए तीन ऑप्शन  डिस्प्ले होंगे जैसे - USE AN EXICTING LIST  SELECT FROM OUTLOOK CONTACT  TYPE A NEW LIST  यहाँ  पर हम TYPE A NEW LIST ऑप्शन को सेलेक्ट करते हैं और एक नयी लिस्ट बनाते हैं ! उसके बाद नेक्स्ट...