Networking Devices in hindi Types Of Networking Devices नेटवर्किंग डिवाइस क्या है और कितने प्रकार की होती है

What is networking devices-

कम्प्यूटर सिस्टम में कई प्रकार की डिवाइसेस होती हैं! जिनमें से कुछ नेटवर्क को यूज़ करते हैं जैसे Node और कुछ नेटवर्क को बनाने के लिए यूज़ की जाती है ं जैसे - Modem, Router, Bridge, Repeater, Hub, Switch etc. 

Modem- 


Modem एक नेटवर्किंग डिवाइस है Modem शब्द Modulator और Demodulator से मिलकर बना है Digital signal को Analog signal में बदलना Modulator कहलाता है Analog signal को Digital signal में convert करना Demodulator कहलाता है !Modem का यूज इंटरनेट एक्सेस करने के लिए किया जाता है Modem द्वारा डाटा ट्रांसमिशन करने की स्पीड डायनमिक होती है Transfer या ट्रांसफर रेट को Bite Per Second में मापा जाता है Modem चार प्रकार के होते हैं!

  1. Wireless Modem
  2. PC care modem
  3. Internal modem
  4. External modem


2.Router

राउटर एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो वायर या वायरलेस कनेक्शन के माध्यम से कई कम्प्यूटर नेटवर्क को कनेक्ट करते हैं राउटर डिवाइस में एक साफ्टवेयर होता है जो किसी Specific transmission के लिए available पाथ में से बेस्ट पाथ describe करता है Router OSI Model के Network Layer पर वर्क करता है! यह दो या दो से अधिक नेटवर्क को जोड़ता है राउटर नेटवर्क लेयर एड्रेस या Logical IP address को एक्सेस करता है! इसमें एक राउटिंग  टेबल होती है! जिसकी हेल्प से राउटर बेस्ट पाथ डिस्क्राइब करता है राउटर दो तरह के होते हैं!

1.Broadband Router
2.Wireless Router


1.Broadband Router-


ब्राडबैंड राउटर का यूज़ कम्प्यूटर नेटवर्क को दूसरे नेटवर्क से कनेक्ट करने या इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है


2.Wireless Router


वायरलेस राउटर घर या आफिस में वायरलेस सिग्नल बनाते हैं इसलिए वायरलेस राउटर के कनेक्शन के भीतर PC, Laptop, Smartphone इससे कनेक्ट हो जाते हैं!

Repeater


यह एक ऐसी नेटवर्किंग डिवाइस है जो कि डाटा सिगनल को रिसीव करता है और उसे फिर से रिजेनरेट करके आगे भेज देता है ! यह OSI Model की Physical Layer पर कार्य करता है रिपीटर सिग्नल को ट्रांसमेट होते समय उसे फिर से रिजेनरेट या Emplify करके आगे भेजता है रिपीटर दो प्रकार के होते हैं!

1.Analog Repeater
2.Digital Repeater


एनालॉग रिपीटर केवल सिग्नल को Emplify करता है जबकि डिजिटल रिपीटर सिग्नल को Recognize करके उसमें से एरर को हटा कर आगे भेजता है!

Hub


हब एक नेटवर्किंग डिवाइस है जिसका यूज़ बहुत सारे कम्प्यूटर या नेटवर्किंग डिवाइस को आपस में कनेक्ट करने के लिए किया जाता है यह OSI Model की Physical Layer पर कार्य करता है ज्ञान में बहुत सारे पोर्ट्स होते हैं हब एक पोर्ट से आने वाले डाटा पैकेट को अन्य सभी पोर्ट्स में भेज देता है यह Receiving Computer Decide करता है कि यह डाटा पैकेट उसके लिए है या नहीं जिस कम्प्यूटर का डाटा पैकेट होता है वह उसे Receive करता है अन्य सभी Discard कर देते हैं हब का यूज़ LAN के different computer को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है हब दो प्रकार के होते हैं!

1.Passive Hub
2.Active Hub


1.Passive Hub


यह सिग्नल जैसा होता है उसी तरह आगे भेज देता है इसलिए इसे पावर सप्लाई की जरूरत नही पड़ती!

2.Active Hub


इसमें सिग्नल को दोबारा से जेनरेट किया जाता है! यह  रिपीटर की तरह कार्य करता है इसलिए इसे Multiport Repeatet भी कहते हैं!

Switch-


इस नेटवर्किंग डिवाइस का यूज़ नेटवर्क के सभी डिवाइस तथा Segment को आपस कनेक्ट करने के लिए किया जाता है इसे Multiport Bridge भी कहते हैं क्योंकि यह  ब्रिज की तरह कार्य करता है! यह Star Topology पर कार्य करता है Switch में कई पोर्ट होते हैं जब   Switch से होकर डाटा आता है ,तो Switch डाटा में Destination address को पढ लेता है और उसे  Destination computer पर भेज देता है यह Frame के MAC address को चेक करता है तथा traffic को कम करता है!

Bridge-


Bridge का यूज एक या एक से अधिक नेटवर्क को आपस में कनेक्ट करने के लिए किया जाता है bridge नेटवर्क के बीच traffic कम करने का कार्य करता है ! यह हार्डवेयर और साफ्टवेयर का combination होता है यह OSI  model की data link layer पर कार्य करता है!

Gateway-

गेटवे एक नेटवर्क डिवाइस है जिसे नोड कहते हैं यह लोकल और  Intelligent network के बीच कनेक्शन प्रोवाइडर करता है गेटवे का यूज़  D similar network को आपस में कनेक्ट करने के लिए किया जाता है यह नेटवर्क के बीच लिंक और गेट की तरह कार्य करता है जिसकी हेल्प से स्मार्टफोन कम्प्यूटर नेटवर्क से कनेक्ट किये जाते हैं यह  OSI model की Network और Session Later पर कार्य करता है

Firewall-


Firewall hardware और Software का Combination होता है जो Router server या Variety of software में Inbuilt  रहता है  फायरवाल साफ्टवेयर प्रोग्राम और हार्डवेयर के रूप में रहता है और कम्प्यूटर नेटवर्क को  Security Provide करता है फायरवाल कम्प्यूटर नेटवर्क के चारों ओर दीवार की तरह कार्य करता है और नेटवर्क में आने वाले अनचाहे साफ्टवेयर और फाइल को रोकता है और कम्प्यूटर को हैकर तथा क्रैकर से बचाता है! फायरवाल तीन प्रकार के होते हैं!

1.Packet Filtering Firewall
2.Proxy Firewall
3.Statefull Inspection

1.Packet Filtering firewall-


यह नेटवर्क में Security provide करने के लिए नेटवर्क में आने वाले सभी पैकेट को Analize करता है तथा उन्ही पैकेट को आने की Permission देता है जो फायरवाल  Policy के according फिट बैठता है पैकेट फिल्टरिंग फायरवाल दो तरह के होते है !

1.Stateless 
2.Statefull


2.Proxy firewall-


इसे एपलिकेशन लेवल गेटवे भी कहा जाता है यह एपलिकेशन के इनफार्मेशन के  According पैकेट को  Enter करने की Permission देता है!

3.Statefull Inspection-


यह New Generation के Terminology का फायरवाल है यह एपलिकेशन लेयर पर कार्य करता है तथा TCP (Transmission Control Protocol) और UDP ( User Datagramm Protocol) की Security Provide करता है!










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